
मौजूदा दौर के सबसे बड़े गांधीवादी माने जाने वाले एसएन सुब्बाराव उन चुनिंदा लोगों में से हैं, जो 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हुए और जेल भी गए। वे पंडित जवाहरलाल नेहरू और के. कमराज जैसे दिग्गज नेताओं के सानिध्य में रहे। उन्होंने 1954 में पहला गांधी आश्रम बागियों के लिए कुख्यात चंबल क्षेत्र में जौरा गांव में 10 माह तक कैंप किया। अपने इस आश्रम के माध्यम से उन्होंने 1972 में कुख्यात डकैत मोहन सिंह, माधो सिंह समेत दर्जनों नामचीन डकैतों का समर्पण कराया था। सुब्बाराव आयकर विभाग के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने भोपाल आए थे। इस दौरान उन्होंने भास्कर से विशेष बातचीत में मंदसौर में हुई घटना पर पीड़ा जाहिर की।
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