शहर में आज : कागज के कतरनों की चित्रकला प्रदर्शनी
इंदौर के कलाकार सुनील व्यास ने काग़ज़ की कतरनों से ज़िंदगी के चित्र रचे हैं। नए-पुराने अख़बारों-मैगज़ीन के कागज़ों से उन्होंने फिगरेटिव, लैंडस्केप और पोर्ट्रेट वर्क किया है। 15 जुलाई तक चलने वाली चित्र प्रदर्शनी में बेजान हो चुके काग़ज़ों का नया रूप देखने को मिलेगा। गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, अमिताभ, लता मंगेशकर के पोर्ट्रेट्स के साथ उन्होंने ज़िंदगी के कुछ खास लम्हे भी रचे हैं। साइकिल पर जाते दो लोग और उनकी परछाइयां भी कागज़ों से रची हैं। फूल-पत्तियां, पेड़-टहनियां, स्त्रियां-बच्चे और उनकी नाज़क अंगुलियां भी काग़ज़ की कतरनों से बनाए हैं। और सहसा देखने पर ये ऑइल पेंटिंग का आभास कराती हैं।
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