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आज कम्प्यूटर लैंग्वेज सीखना ही सबसे जरूरी- पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर

जुलाई 2012 में आई फिल्म इन्सेप्शन में दिखाया गया था कि डॉम कॉब (लियोनार्डो डीकैप्रियो) के पास क्षमता है कि वह लोगों के सपनों में दाखिल हो जाए और वहां से सीक्रेट्स चुरा ले। क्या वाकई में ऐसा मुमकिन है? देश के पहले सुपरकम्प्यूटर परम को डेवलप करने में अहम भूमिका निभाने वाले और वर्तमान में नालंदा यूनिवर्सटी के कुलाधिपति पद्मभूषण डॉ. भटकर ने इसके जवाब में कहा- सब मुमकिन है। जो भी आइडिया या विचार इंसान के दिमाग में आ गया, कंप्यूटर में उसे हकीकत में बदलने की क्षमता है। खुद यह फिल्म देख चुके डॉ. भटकर ने कहा- यह फिल्म भी तो किसी का विचार ही है। ऑटोमेटिक ट्रांसलेशन आ गया है। वॉयस कमांड आपके मोबाइल पर है। आने वाले समय में ऐसा होगा कि कंप्यूटर यह पढ़ ले कि आप क्या सोच रहे हैं। आप सोच रहे हैं कि इस कमरे की लाइट ज्यादा है, थोड़ी कम हो जाए तो कम्प्यूटर ऐसा कर देगा। यह मैन टु कम्प्यूटर इंटरफेस की बदौलत मुमकिन होगा। वर्तमान समय में कम्प्यूटर साइंस लैंग्वेज सीखना ही सबसे अहम होगा।

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