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शहर में आज : पावस व्याख्यानमाला का रजत जयंती वर्ष; 24 साल के चुनिंदा व्याख्यानों के संकलन का होगा विमोचन

भोपाल. मप्र राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की ओर से हिंदी के प्रचार-प्रसार के साथ विभिन्न विषयों पर समाज में वैचारिक चेतना जगाने की दिशा में काम किया जाएगा। समिति ने इस दायित्व को निभाने के लिए पावस, शरद और बसंत व्याख्यान मालाएं भोपाल के हिंदी भवन में शुरू की हैं। ये तीन व्याख्यान मालाएं अपने उच्च स्तरीय विमर्श के कारण राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी हैं। साल 1993 से शुरू हुई इस त्रि-दिवसीय पावस व्याख्यानमाला सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।   व्याख्यानमाला का आयोजन 27 जुलाई से शुरू होगा। इस साल समिति का 25वां अनुष्ठान है। इस वर्ष समारोह को रजत जयंती समारोह के रूप में मनाया जा रहा है। कार्यक्रम में हर साल प्रकाशित होने वाले दस्तावेज, संवाद और हस्तक्षेप के अलावा पिछले 24 वर्षों के चुनिंदा व्याख्यानों का संकलन भी दो खंडों में पुस्तक कार प्रकाशित किया जाएगा।   सात विमर्श सत्र होंगे : व्याख्यानमाला के रजत जयंती समारोह का शुभारंभ 27 जुलाई को सुबह 10 बजे सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश डीएम धर्माधिकारी करेंगे। 29 जुलाई को दोपहर 3 बजे समापन समारोह पं. बंगाल...

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